भारत की संस्कृति और सभ्यता संसार की प्राचीनतम संस्कृतियों में से है। यह संस्कृति कई चीज़ों के मेल-जोल का नतीजा है जिसमें देश का लम्बा इतिहास, विविध भूगोल और खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। पड़ोसी और दुनिया के दूसरे देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इस संस्कृति में समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों का इतिहास देखा जाए तो ये ज्ञात होता है की ये रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ एक-दूसरे से परस्पर संबंधों के कारण विकसित हुईं। विभिन्न धार्मिक प्रणालियाँ जैसे हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों भी इसी संस्कृति में जन्मी और पली बढीं। इन विभिन्ताओं के मिश्रण से उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग – अलग हिस्सों को भी काफ़ी प्रभावित किया है।
यहाँ हम भारत की संस्कृति और सभ्यता के विभिन्न पहलुओं जैसे धर्म, समाज, परम्परा एवं रीति, पहनावा, साहित्य, संगीत, नृत्य, नाटक और रंगमंच, चित्रकारी, मूर्तिकला, वास्तुकला,दर्शन शास्त्र और मनोरंजन आदि महत्वपूर्ण घटकों के बारे इन अलग-अलग भागों में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।