जन्म: 11 दिसंबर, 1942 (अल्मोड़ा, उत्तराखंड) तत्कालीन उत्तर प्रदेश
निधन: 26 मार्च, 1999
कार्यक्षेत्र: संगीतज्ञ और गायक
आनंद शंकर एक भारतीय गीतकार और संगीतकार थे. वे विश्व प्रसिद्ध सितार वादक पंडित रवि शंकर के भतीजे थे. इन्होंने अपने जीवनकाल में पूर्वी संगीत शैलियों में पश्चिमी संगीत शैली का उत्कृष्ट मिश्रण कर संगीत को एक नया रूप दिया. जिमी हेंड्रिक्स की भांति, इनके साथ भी संगीत से संबंधित अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं.
आनंद शंकर ने 1960 के दशक में लॉस एंजिल्स (अमेरिका) की यात्रा की. यहां पर इन्होंने रॉक संगीतकार ‘जिमी हेंड्रिक्स’ जैसे कई अन्य पाश्चात्य संगीत के दिग्गजों के साथ काम किया. मात्र 27 वर्ष की अवस्था में इन्होंने यहां संगीत के क्षेत्र में एक रिकॉर्ड बनाया और म्यूजिक के लिए अग्रीमेंट किया एवं अपना स्वयं का पहला म्यूजिक एल्बम वर्ष 1970 में रिलीज किया. यहीं पर इन्होंने सितार वाद्ययंत्र पर आधारित मूल भारतीय शास्त्रीय रचनाओं को उस समय के हिट पश्चिमी गीतों जैसे- ‘रोलिंग स्टोन्स’, ‘जम्पिन जैक फ़्लैश’ और ‘लाइट माय फायर’ के साथ मिश्रित किया, जो बहुत ही चर्चित रहा.
भारत वापसी के बाद शंकर ने वर्ष 1975 में ‘आनंद शंकर एंड हिज म्यूजिक’ एल्बम के द्वारा लय-सुर, की-बोर्ड और परम्परागत भारतीय वाद्ययंत्रों के माध्यम से गीत-संगीत के कम्पोजिंग में अपना विशेष योगदान दिया. वर्ष 1978 से 1981 के मध्य इन्होंने नई धुनों पर आधारित अपने पांच विशेष एल्बम जरी किए. ये हैं- 1. इंडियन रिमेम्बर्स एल्विस (एल्विस संस्करण का भारतीय प्रारूप ) 2. ए म्यूजिकल डिस्कवरी ऑफ इंडिया (भारतीय टूरिस्ट बोर्ड द्वारा वित्त पोषित) 3. मिसिंग यू (अपने माता-पिता को समर्पित) 4. स्पेस थीम्ड-2001 (संगीत जो फिल्म/टेलीविज़न प्रोग्राम के प्रारम्भ या अंत में बजाया जाता है) 5. जंगल सफारी-तिन्गेड सा-रे-गा मचन. 1990 के दशक के मध्य जब डीजे की संस्कृति का प्रचलन प्रारम्भ हुआ था तो शंकर ने भी डिस्को के अनुरूप संगीत का निर्माण किया था, जिसके परिणाम स्वरुप इन्होंने वर्ष 1996 में ‘ब्लू नोट्स’ के अंतर्गत ‘ब्लू जूस वॉल्यूम 1’ नामक नए एल्बम का निर्माण किया. इसके दो संस्करण लांच हुए- (1) स्ट्रीट्स ऑफ कलकत्ता और (2) डांसिंग ड्रम्स.
प्रारम्भिक और पारिवारिक जीवन
आनंद शंकर रॉय का जन्म एक प्रतिष्ठित बंगाली संगीतकार परिवार में 11 दिसंबर, 1942 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखंड) के अल्मोड़ा में हुआ था. इनके पिता प्रख्यात शास्त्रीय नर्तक उदय शंकर और मां अमला शंकर थीं. इनकी बहन का नाम ममता शंकर था. ये प्रसिद्ध सितार वादक पंडित रवि शंकर के भतीजे थे. इन्होंने वाद्ययंत्र की शिक्षा के लिए अपने चाचा पंडित रवि शंकर के बजाय गुरु के रूप में वाराणसी के डॉक्टर लालमणि मिश्रा को चुना था. बाद में इन्होंने तनुश्री शंकर से शादी कर ली. इन्होंने सिंधिया स्कूल, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से शिक्षा ग्रहण किया था.
भारतीय तथा पाश्चात्य संगीत के विकास में इनका योगदान
आनंद शंकर वर्ष 1970 के दशक के दौरान अमेरिका में अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय संगीत एलबम की सफल शुरुआत के बाद जल्दी ही भारत वापस आ गए. इसके बाद आत्म विश्वास से परिपूर्ण शंकर ने संगीत के क्षेत्र में अनवरत प्रयोग जारी रखा और अंत में अपने सबसे चर्चित एल्बम ‘आनंद शंकर एंड हिज म्यूजिक’ को लांच किया, जिसमें एक ही साथ सितार, गिटार, तबला, मृदंगम, ड्रम और मूग सिंथेसाइज़र की आवाज़ को कंपोज़ किया गया था. उसी एल्बम को पुन: इनके मरणोपरान्त वर्ष 2005 में लांच किया गया.
शंकर की लोकप्रियता 1990 के दशक के दौरान फिर से बढ़ गई, जब उन्होंने लंदन में विशेष रूप से नाईट क्लबों में अपने संगीत को लोगों के सामने प्रस्तुत किया. वर्ष 1996 में ‘ब्लू नोट रिकॉर्ड्स’ नामक संगीत कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शकों के सामने शंकर ने अपने संगीत को पेश किया और प्रसिद्धि प्राप्त की. एक अन्य संगीत कार्यक्रम ‘ब्लू जूस वॉल्यूम 1’ के दौरान इन्होंने दो चर्चित संगीत ‘डांसिंग ड्रम’ और ‘स्ट्रीट ऑफ कलकत्ता’ का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जो बहुत ही पसंद किया गया था.
1990 के दशक में ही ब्रिटेन यात्रा के दौरान इन्होंने ‘वाकिंग ऑन’ नाम से एक बहुत ही अच्छे संगीत एल्बम की रचना की थी, जिसे उनकी अचानक मृत्यु के बाद वर्ष 2000 में जारी किया गया.
वर्ष 2005 में उनके गीत ‘रघुपति’ का प्रयोग ‘ग्रैंड थेफ़्ट ऑटो : लिबर्टी सिटी स्टोरीज़’ के साउंडट्रैक के रूप में इस्तेमाल किया गया. इसी प्रकार वर्ष 2008 में उनके गीत ‘डांसिंग ड्रम’ का इस्तेमाल ‘लिटिल बिग प्लैनेट्स’ में साउंडट्रैक के रूप में किया गया था.
इन्होंने भारत सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक प्रसारण चैनल ‘दूरदर्शन’ पर प्रसारित होने वाले तत्कालीन चर्चित सीरियल ‘ब्योमकेश बख्शी’ के लिए भी म्यूजिक दिया था.
वर्ष 2010 और 2011 में एनबीसी पर प्रसारित होने वाले एक लोकप्रिय कॉमेडी शो के बहुत से एपिसोड में इनके संगीत को लिया गया था. इन एपिसोड और उनके लिए गए संगीत की सूची इस प्रकार है-
एपिसोड | एपिसोड का नाम | प्रसारण तिथि | संगीत किस एल्बम से लिया गया |
103 | पार्टी ऑफ फाइव | 07/10/2010 | ‘नाईट इन द फारेस्ट’ |
105 | टच्ड बाई ऐन एंग्लो | 21/10/2010 | ‘डांसिंग ड्रम’ |
106 | बोल्लोवीन | 28/10/2010 | ‘राधा’ |
107 | ट्रूली, मैडली, पराडीपली | 04/11/2010 | ‘डांसिंग ड्रम’ |
109 | टेम्पररी मोंसनिटी | 18/11/2010 | ‘डांसिंग ड्रम’ |
110 | होमसिक टू स्तोमच | 02/12/2010 | ‘रेनुन्सियेशन’ |
112 | सारी चार्ली | 27/01/2011 | ‘एक्सप्लोरेशन’ |
114 | द टोड कपल | 10/02/2011 | ‘साइरस’ |
संगीत के क्षेत्र में इनके द्वारा देश-विदेश में किए गए कार्यों का संग्रह
- आनंद शंकर,1970 (एल.पी., रिप्राइज 6398/सीडी, कोल्लेक्टर्स च्वाइस सीसीएम-545)
- आनंद शंकर एंड हिज म्यूजिक,1975 (ईएमआई इंडिया)
- इंडिया रेमिम्बेर्स एल्विस,1977 (ईपी ईएमआई इंडिया एस/7इपीइ 3201)
- मिसिंग यू,1977 (ईएमआई इंडिया)
- ए म्यूजिकल डिस्कवरी ऑफ इंडिया,1978 (ईएमआई इंडिया)
- सा-रे-गा मचन,1981 (ईएमआई इंडिया)
- 2001,1984 (ईएमआई इंडिया)
- टेम्पटीसन ,1992 (ग्रामाफोन कंपनी ऑफ इंडिया)
- आनंद शंकर : शुभ – द औस्पिसिअस,1995
- आनंद,1999 (ईएमआई इंडिया)
- अर्पण,2000 (ईएमआई इंडिया)
- वाकिंग ऑन, 2000 (रियल वर्ल्ड 48118-2, पश्चिम बंगाल के साथ)
- आनंद शंकर : ए लाइफ इन म्यूजिक – द बेस्ट ऑफ द ईएमआई,2005 (टाइम्स स्क्वायर टीएसक्यू सीडी 9052)
पुरस्कार एवं सम्मान
गीत-संगीत के प्रति समर्पण को देखते हुए इन्हें सर्वश्रेष्ठ म्यूज़िक डायरेक्शन के लिए ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था.
निधन
इनका निधन 26 मार्च, 1999 को हृदय गति रूक जाने के करण हो गया.