उद्योगपति

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किसी भी देश या समाज की अर्थव्यवस्था का मापक उसका व्यापार और उद्योग होता है|प्राचीन काल से ही मनुष्य विभिन प्रकार के उद्योग और व्यापार में लिप्त है और भारत भी इससे कभी अछूता नहीं रहा है| सिन्धु घाटी सभ्यता के समय से ही भारत का व्यापारिक सम्बन्ध मध्य-पूर्व के देशों से था| भारतीय मसाले और सूती वस्त्रों की विदेशों में भारी मांग थी| समय के साथ व्यापार और उद्योग का स्वरुप बदला और व्यापर का ढंग भी| भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 100 वर्षों का इतिहास देखें तो आप तमाम ऐसे नाम पाएंगे जिन्होंने अपने अथक परिश्रम, कुशाग्रता और दूर-दृष्टि से अपने उद्योग और समूह को ऐसी उंचाईयों तक पहुँचाया जिससे उनका नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया| भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में वर्षों से यहां के उद्योगपतियों ने अहम भूमिका निभाई है। जानते हैं देश के प्रमुख उद्योगपतियों के जीवन और उपलब्धियों के बारे में।