करन बिलिमोरिया

Karan Bilimoria Biography in Hindi

जन्म: 26 नवंबर 1961, हैदराबाद

व्यवसाय/पद/कार्य: उद्योगपति  व कोबरा बीयर के संस्थापक

कोबरा बीयर के संस्थापक अनिवासी भारतीय उद्योगपति करन बिलिमोरिया, ब्रिटेन के जाने-माने उद्योगपतियों में से एक हैं| महज 27 साल के उम्र में उद्योग/व्यवसाय में कदम रकने वाले करन ने कड़ी मेहनत और लगन से बियर उद्योग में अपने नाम स्थापित किया| उनकी ‘कोबरा’ बियर ब्रिटेन के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों में भी बहुत मशहूर है| अपने अथक परिश्रम से करन ने बहुत बड़ा मक़ाम हासिल किया और ब्रिटेन के ‘हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स’ के सदस्य भी बन गए| अपने कारोबार के साथ-साथ करन कई सामाजिक संस्थानों और संगठनों की भी मदद करते हैं|

स्रोत: Richter Frank-Jurgen [CC BY-SA 2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0)], via Wikimedia Commons

प्रारंभिक जीवन

करन बिलिमोरिया का जन्म हैदराबाद में एक पारसी परिवार में लेफ्टिनेंट जनरल ऍफ़ एन बिलिमोरिया के घर 26 नवंबर 1961 को हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड के जीओसी और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के एडीसी थे| करन के दादा नस्सेर्वांजी डी बिलिमोरिया ब्रिटिश इंडियन आर्मी में ब्रिगेडियर पद से रिटायर हुए थे|

करन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद शहर में ग्रहण की| उनके पिता, सेना में अफसर होने के कारण देश के अलग-अलग जगहों पर पोस्टेड रहते थे इसी कारण बचपन में वो अपने माँ के हैदराबाद स्थित पैत्रिक निवास पर रहते थे| जब करन थोड़े बड़े हुए तो अपने पिता के साथ रहने लगे और विभिन्न स्थानों पर 7 अलग-अलग स्कूलों में पढाई की| इसके बाद उन्हें उनके छोटे भाई के साथ ऊटी के हेब्रोन स्कूल में भेज दिया गया| तत्पश्चात उन्होंने हैदराबाद के ओस्मानिया विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक किया| इसके बाद वो चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए और चार साल के लिए अर्न्स्ट एंड यंग में काम किया|  इसी दौरान उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के सिडनी ससेक्स कॉलेज से लॉ में बैचलर ऑफ़ आर्ट्स डिग्री भी प्राप्त की|

कैरियर

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद ही करन बिलिमोरिया व्यापार में अपने हाथ आजमाने की कोशिश करने लगे क्योंकि शुरू से ही यह उनका जुनून था। शुरुआत में वो भारत में बनी पोलो स्टिक्स ब्रिटेन ले जाकर वहां के खुदरा विक्रेताओं को बेचना शुरू कर दिया। उनका परिवार उनके इस फैसले से खुश नहीं था क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि एक अच्छी नौकरी के लिए करन के पास पर्याप्त शिक्षा थी पर करन को पूरा विश्वास था की एक न एक दिन वो एक सफल उद्योगपति बन के दिखायेंगे| वर्ष 1989 में उन्हें बियर बनाने का विचार आया| इसके बाद उन्होंने अपने मित्र अर्जुन रेड्डी के साथ मिलकर ‘पैंथर’ (बाद में नाम बदलकर ‘कोबरा’ हो गया) ब्रांड बनाया| अर्जुन के चाचा ने उनका परिचय ‘मयसूर ब्रेवरी’ के मालिकों से कराया और जल्द ही उनकी बियर बाज़ार में आने के लिए तैयार थी| अपने बियर के सैंपल के साथ करन ने देश के विभिन्न रेस्टोरेंट्स का दौरा किया| बियर बनाने का ख्याल करन के मन में पहली बार तब आया जब वे कैंब्रिज में पढाई कर रहे थे| उन्हें लगा की भारतीय खाने के साथ स्मूथ बियर होनी चाहिए| इसी समय इंग्लैंड आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था| ऐसे हालात में एक नए उत्पाद को बाज़ार में स्थापित करना एक बड़ी चुनौती थी| पर इसी दौर में एक उनके हक़ में एक अनुकूल बात ये हुई की भारतीय करी ब्रिटेन में तेज़ी से प्रसिद्द हो रही थी| इसी मौके का फायदा उठाकर करन ने ‘कोबरा’ को यह कहकर प्रमोट किया कि यह बियर भारतीय खाने के साथ पीने के लिए सर्वोत्तम है| धीरे-धीरे कोबरा भारतीय रेस्टोरेंट्स में प्रसिद्द होने लगी और इसकी मांग बढ़ने लगी| वर्ष 2001 आते-आते करन ने चार्ल्स वेल्स ब्रेवरी के साथ मिलकर कोबरा बियर इंग्लैंड में ही बनाना शुरू कर दिया और कंपनी का कारोबार लगभग 1.3 करोड़ पाउंड हो गया| सन 2007 तक, कोबरा बियर लगभग 45 देशों में बिकने लगी थी और साल 2010 तक इसका व्यवसाय लगभग 10 करोड़ पाउंड पहुँच गया|

व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2004 में करन को ‘कमांडर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर’ द्वारा सम्मानित किया गया| उन्हें ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स का सदस्य भी बनाया गया – वे हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में बैठने वाले पहले जोरास्ट्रियन पारसी हैं|

करन बिलिमोरिया समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। वह ‘थारे माच स्टारफिश इनिशिएटिव’ के संरक्षक हैं| वो ‘पुष्पावती लूम्बा मेमोरियल ट्रस्ट’ के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं| ये संस्था भारत में आर्थिक रूप से तंग विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का ख्याल रखता है। बिलिमोरिया ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम ‘बोटलड फॉर बिज़नस: द लेस गैसी गाइड टू एन्त्रेप्रेंयूर्शिप’ है।

सम्मान और पुरस्कार

2001–2005: SME बोर्ड के अध्यक्ष

2001–2007: नेशनल एम्प्लॉयमेंट पैनल के सदस्य

2002: एशियन ऑफ़ द इयर

2003: अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा ‘लन्दन इंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर’ घोषित

2003–2009: मेमोरियल गेट्स समिति के अध्यक्ष

2003–2008: एशियन बिज़नस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष

2004: ‘कमांडर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर’ से सम्मानित

2004: लन्दन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा ‘बिज़नस परसों ऑफ़ द इयर’

2005: इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंग्लैंड एंड वेल्स द्वारा ‘आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट’ पुरस्कार

2005: एन आर ऑय इंस्टिट्यूट द्वारा ‘इंडो-ब्रिटिश पार्टनरशिप’ पुरस्कार

2005: यूके-इंडिया राउंड टेबल के सदस्य

2005: बर्मिंघम बिज़नस स्कूल के सलाहकार परिषद् के सदस्य

2005: ब्रुनेल, हरिएत-वाट और स्टैफ़ोर्डशाएर विश्वविद्यालय द्वारा आनरेरी डॉक्टरेट

2005–2010: थेम्स वैली (अब यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्ट लन्दन) यूनिवर्सिटी के चांसलर

2006: ड्रिंक्स बिज़नस अवार्ड में ‘मैन ऑफ़ द इयर’ घोषित

2006: ब्रिटिश कार्डियक रिसर्च ट्रस्ट के ट्रस्टी

2006–2011: रॉयल हॉस्पिटल चेल्सी के कमिश्नर

2007–2009: यूके-इंडिया बिज़नस कौंसिल के संस्थापक अध्यक्ष

2008–2010: लन्दन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष

2009–2012: कैंब्रिज विश्वविद्यालय के ‘इंडिया पार्टनरशिप एडवाइजरी बोर्ड’ के अध्यक्ष

2010: भारतीय प्रधानमंत्री के ‘ग्लोबल एडवाइजरी कौंसिल’ के संस्थापक सदस्य

2011– सेंट पॉल कैथेड्रल फाउंडेशन के ट्रस्टी

2011& 2013: हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के इकनोमिक अफेयर्स समिति के सदस्य

2014: बर्मिंघम विश्वविद्यालय के चांसलर नियुक्त


टाइमलाइन (जीवन घटनाक्रम)

1961: हैदराबाद में जन्म

1981:  उस्मानिया विश्वविद्यालय से वाणिज्य में डिग्री

1988: सिडनी ससेक्स कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कानून में कला की डिग्री की

1989: पैंथर नाम से बियर ब्रांड स्थापित किया

1990: बीयर का नाम ‘कोबरा’ बदल दिया गया और इसे ब्रिटेन के लिए आयात किया गया

1996: कोबरा बबियर की ब्रेविंग ब्रिटेन में ही शुरू की गयी

1999: जनरल बिलिमोरिया वाइन बाज़ार में प्रस्तुत

2002: भारत और न्यूयॉर्क में कार्यालयों खुले

2003:  दक्षिण अफ्रीका में कार्यालयखुला और पोलैंड में भी उत्पादन शुरू

2004: अमेरिका में कोबरा बीयर को ‘Krait’ के रूप में निर्यात किया गया