जन्म : वर्ष 1929
वर्तमान : ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी
कार्यक्षेत्र : विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त होटल उद्योग का व्यवसाय
पृथ्वी राज सिंह (PRS) ओबरॉय को दुनिया भर में ‘बिक्की ओबेरॉय’ के नाम से जाना जाता है. इनके स्वर्गीय पिता का नाम राय बहादुर एम.एस. ओबरॉय था, जो ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के संस्थापक थे. बिक्की ओबेरॉय ने अपने पिता के होटल व्यवसाय की विरासत को नई ऊंचाईयों तक आगे बढ़ाने का काम किया. इन्होंने अपने विश्व स्तरीय आधुनिक तौर-तरीके से युक्त ‘ओबेरॉय होटल समूह’ को नए मुकाम पर पहुचाते हुए और ‘ओबेरॉय’ के ब्रांड को बरकरार रखते हुए प्रत्येक अवसर का भरपूर लाभ उठाया है. अपने पैतृक व्यवसाय में अनुभव का उपयोग करके इन्होंने दुनिया के अग्रणी होटल व्यवसायियों में अपना स्थान बनाया लिया और भारत सहित विश्व के हॉस्पिटैलिटी उद्योग को आगे ले जाने में इनका योगदान विशेष रूप से माना जाता है. इसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र में इन्होंने अपना लम्बा सफर तय किया और सफल भी रहे. ये जानते थे कि इस व्यवसाय में साम्राज्य स्थापित करने के लिए खुद को एक योग्य उत्तराधिकारी के रूप में साबित करना पड़ेगा. इनकी इसी सोच ने इन्हें विश्व स्तर पर होटल उद्योग में सर्वोच्च स्थान दिलाया.
प्रारंभिक जीवन
पृथ्वी राज सिंह राय बहादुर एम.एस. ओबेरॉय के दूसरे पुत्र थे. इनके एक बड़े भाई भी थे जिनका नाम तिलक राज (Tikki) ओबेरॉय था. ये बचपन से ही अपने पिता द्वारा संचालित होटल व्यवसाय में गहरी रुचि लेने लगे थे. बिक्की के बीस साल के होते-होते, इनके पिता ने अपने को एक कुशल होटल व्यवसायी के रूप में खुद को स्थापित कर अपने कारोबार का बहुत विस्तार कर लिया था. इनका जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ था. बचपन से ही इनके पिता ने दुनिया में उपलब्ध विलासिता की सभी सुख-सुविधाओं को लाड़-प्यार में इन्हें उपलब्ध कराया था. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिक्की ओबेरॉय होटल व्यवसाय की की विस्तृत जानकारी लेने हेतु अपने पिता की इच्छानुसार विश्व भ्रमण करने के लिए लम्बी यात्रा पर निकल गए. इस दौरान बिक्की विश्व के प्रमुख देशों के सबसे अच्छे होटलों के रहन-सहन और आतिथ्य सत्कार के तौर-तरीकों से अवगत हुए.
भारत तथा विश्व होटल व्यवसाय में इनका योगदान
एक संपन्न परिवार में जन्मे बिक्की ओबेरॉय 32 वर्षों की अवस्था तक पैतृक होटल व्यवसाय की जिम्मेद्दारियों से दूर रहे. इन्होंने एक साक्षात्कार में इन 32 वर्षों के दौरान अपने जीवन की घटनाओं तथा रहस्यों के बारे में यह खुलासा किया था कि अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद इन्होने दुनिया के लगभग प्रत्येक प्रमुख देश की यात्रा की और वहां के सबसे अच्छे होटल में रुके और उसका विस्तृत अध्ययन किया. अपनी यात्रा के दौरान वे जिन होटलों में रुके थे, वहां उन्हें उत्तम भोजन के साथ-साथ विशेष प्रकार की सेवाओं का सर्वश्रेष्ठ नमूना देखने का पहली बार अनुभव हुआ.
अपने विश्व भ्रमण के इन सभी वर्षों के निचोड़ से इन्होंने अपने पिता के कारोबार को समृद्ध करने के लिए अपने विस्तृत अनुभवों का भरपूर उपयोग किया, परिणामत: इनके पिता का होटल का व्यवसाय पहले की तुलना में बहुत बड़े विस्तार की तरफ अग्रसर होने लगा. इन्होंने अपने पिता की इच्छा और उनकी महत्वाकांक्षा के अनुरूप कार्य किया और ‘ओबेरॉय समूह’ को सर्वोच्च स्थान पर लाकर खड़ा किया. अपने कुशल नेतृत्व और प्रबंधन कौशल के द्वारा इन्होंने कई देशों में लक्जरी होटलों की नई श्रृंखलाएं शुरू की जिसकी वजह से आज ‘ओबेरॉय होटल’ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लक्जरी होटलों की श्रेणी में सम्मिलित किया जा चुका है.
वर्तमान में बिक्की ईआईएच एसोसिएटेड होटल्स लिमिटेड के निवेशकों की शिकायतों की समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अध्यक्ष और सदस्य हैं. इसके अलावा ये मर्करी ट्रेवल्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुमताज होटल लिमिटेड के अध्यक्ष और सिंधु होटल निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और ‘ओबेरॉय समूह’ के अध्यक्ष हैं.
बिक्की ओबेरॉय का भारत तथा विश्व में आतिथ्य उद्योग (होटल उद्योग) को बढ़ावा देने में विशेष योगदान है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय होटल व्यवसाय आज उच्च स्थान पर खड़ा है.
व्यक्तिगत जीवन
वर्ष 1959 में इनका विवाह गुड्डी से हुआ, जो एक संपन्न जमींदार पंजाबी परिवार से थीं. इनसे एक पुत्र विक्रम और एक बेटी नताशा पैदा हुई. वर्तमान में नताशा शादी होने के बाद इस समय ऑस्ट्रेलिया में अपने परिवार के साथ रह रही हैं.
बिक्की ओबेरॉय ने अपने 82 वर्ष की अवस्था में, वर्ष 2011 में यह घोषित किया कि इनका 47 वर्षीय बेटा विक्रम ओबेरॉय ‘ओबेरॉय साम्राज्य’ का वारिस होगा तथा इनका भतीजा (बड़े भाई तिलक राज का बेटा) 43 वर्षीय अर्जुन ओबेरॉय विश्व में फैले हुए विशाल होटल कारोबार का प्रबंधन करने में इनकी मदद करता रहेगा.
पुरस्कार और सम्मान
बिक्की ओबेरॉय को पर्यटन और भारत-मोरक्को के संबंधों को बढ़ावा देने के योगदान के लिए मोरक्को के राजा मोहम्मद (छठे) द्वारा वहां के ग्रैंड ऑफिसर पुरस्कार ‘अलालावुई विस्सम’ से वर्ष 2001 में सम्मानित किया जा चुका है.
इन्हें वर्ष 2003 में बर्लिन में छठे इंटरनेशनल होटल निवेश मंच द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
वर्ष 2004 में भारत में पर्यटन के क्षेत्र के विकास में इनके योगदान के लिए, भारत सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा एक विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2007 में इन्हें सीएनबीसी टीवी18 द्वारा इंडिया बिजनेस लीडर के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार दिया गया था.
वर्ष 2008 में इन्हें भारत सरकार के नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
वर्ष 2008 में इन्हें दक्षिण एशिया ट्रेवेल एंड टूर एक्सचेंज द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया था.
सितंबर 2008 में ही इन्हें चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इण्डस्ट्रीज एंड सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स द्वारा ‘आउटस्टैंडिंग बिज़नेस लीडर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया.
नवंबर 2008 में इन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार युवा उद्यमी के लिए दिया गया.
वर्ष 2008 में ही इन्हें बिजनेस इंडिया पत्रिका द्वारा ‘बिज़नसमैन ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2009 में होटल इन्वेस्टमेंट फोरम इंडिया द्वारा ‘हॉल ऑफ फेम’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2009 में ही पहला ‘इकॉनोमिक टाइम्स टीएएआई (TAAI) ट्रैवल अवार्ड्स’ इन्हें दिया गया.
वर्ष 2010 में होटल मैगज़ीन पत्रिका द्वारा ‘कॉरपोरेट होटेलिअर ऑफ द वर्ल्ड’ पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.