जन्म: 3 मई, 1959, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश
कार्य क्षेत्र: राजनितिग्य, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री
उमा श्री भारती एक भारतीय राजनितिग्य हैं और वर्तमान में भारत सरकार में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री हैं। वे एक बार मध्य प्रदेश राज्य की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। राजनीति के क्षेत्र में उन्हें ग्वालियर की महारानी विजयराजे सिंधिया ने प्रश्रय दिया और उभारा। उमा श्री भारती ने साध्वी ऋतम्भरा के साथ मिलकर ‘राम जन्मभूमि आन्दोलन’ में प्रमुख भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत युवावस्था में ही कर दी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गयीं। सन 1984 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा पर हार गयीं। इसके पश्चात सन 1989 के लोकसभा चुनाव में वह खजुराहो से सांसद चुनी गयीं और फिर 1991, 1996 और 1998 में यह सीट बरक़रार रखने में कामयाब रहीं। सन 1999 में उन्होंने भोपाल सीट से चुनाव लड़ा और सांसद चुनी गयीं। वाजपेयी सरकार में उन्हें मानव संसाधन विकास, पर्यटन, युवा मामले एवं खेल और कोयला और खदान जैसे विभिन्न राज्य स्तरीय और कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया।
सन 2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया और उमा भारती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनायीं गयीं। अगस्त 2004 जब उनके खिलाफ 1994 के हुबली दंगों के सम्बन्ध में गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ तब उन्होंने मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
प्रारंभिक जीवन
उमा भारती का जन्म 3 मई, 1959 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में डुंडा नामक स्थान पर एक किसान परिवार में हुआ था। उनका जन्म अति धार्मिक लोधी किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने सारे हिन्दू धर्मग्रन्थ कंठस्थ कर लिए और हिन्दू महाकाव्यों और पौराणिक कथाओं का पठन किया था। धार्मिक वातावरण में बचपन बीतने के कारण उनकी हिन्दू तत्वज्ञान में मान्यता दृढ हो गई। छोटी उम्र में ही उन्होंने कथा-पाठ करना प्रारंभ कर दिया था जिससे उनका परिचय राजमाता विजयाराजे सिंधिया से हुआ जिन्होंने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाया।
राजनैतिक जीवन
उमा भारती का राजनैतिक कार्यकाल ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सानिध्य में शुरू हुआ और वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बन गयीं। सन 1984 में 25 वर्ष की अवस्था में उमा भारती ने अपना पहला लोक सभा चुनाव लड़ा था पर कामयाब नहीं हो पायीं लेकिन सन 1989 में वे खजुराहो से दोबारा चुनाव लड़ी और कामयाबी हासिल की। इसके बाद सन 1999 में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से उन्होंने चुनाव जीता और अटल बिहारी वाजपयी के नेतृत्व वाली सरकार में मानव संसाधन विकास, पर्यटन, कोयला खदान, युवा कल्याण और खेल कूद मंत्रालय का प्रभार दिया गया।
‘राम जन्मभूमि आन्दोलन’ में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन का दिया हुआ नारा ‘रामलला हम आयेंगे, मंदिर वही बनायेंगे’ काफी प्रचलित हुआ था। उन के धार्मिक परिप्रेक्ष्य के चलते जो उन्होंने किया वो बिलकुल की आश्चर्य की बात नहीं थी। सन 2003 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को भारी विजय दिलाने के बाद में वे मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री चुनी गयीं पर उनका कार्यकाल सिर्फ 1 वर्ष का ही रहा क्योंकि सन 1994 के हुबली दंगो के लिए उन्हें गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। इसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। बाद में उन्होंने लाल कृष्ण अडवाणी की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध किया जिसके बाद उन्हें इस्तीफ़ा देने को कहा गया।
इसके पश्चात उमा भारती ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दिया और ‘भारतीय जन शक्ति पार्टी’ (बीजेएसपी) के नाम से अपना अलग राजनैतिक दल बनाया। समय गुजरने के साथ भारतीय प्रसार माध्यमो में उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी में वापसी को ले कर काफी अटकलें लगने लगी और भारतीय जनता पार्टी छोड़ने के 6 साल बाद पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 7 जून 2011 को उमा भारती की पार्टी में वापसी की घोषणा की।
सन 2014 के लोक सभा चुनाव में उन्होंने झाँसी संसदीय क्षेत्र से विजय प्राप्त की और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुईं। मोदी सरकार में उन्हें जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी।
टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)
1959: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में जन्म
1984: पहला लोक सभा चुनाव लड़ा; हार गयीं
1989: खजुराहो से अपना पहला लोक सभा चुनाव जीता
1992: बाबरी मस्जिद ढहाने के आरोप में उनकी भूमिका निश्चित की गई
2003: मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी
2004: मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा
2005: बीजेपी से निष्काषित किया गया
2011: बीजेपी में वापसी हुई
2014: लोक सभा के लिए चुनी गयीं और केंद्र मंत्री बनी